How AI can solve big issues like Pandemic

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस महामारी, जलवायु परिवर्तन, ग़ैर बराबरी  जैसे बड़े मुद्दों को कैसे हल कर सकता है ?

तकनीकी उद्योग में नए संशोधन लगभग हर क्षेत्र में फायदेमंद हो रहे हैं। अब अधिक ध्यान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर है जो इंटरनेट से पहले के समय में हमारे पुरखों द्वारा किए गए अंतर को कम करता है। इस अंतर ने बहुत सारी प्राकृतिक आपदाओं, महामारी, और पैसों के कारण उत्पन्न असमानताओं के साथ-साथ हरेक व्यक्ति को निजी और सार्वजनिक संगठनों में बिना जेंडर के भेदभाव के अवसर दिया है। आम उद्योगों के फोकस (वित्तीय सेवाओं, चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा, रसद, आदि) के अलावा, स्मार्ट सिटी, स्मार्ट होम और परिवहन केन्द्रीय क्षेत्र होने लगे हैं। घरेलू उपकरणों और चालक रहित ड्राइविंग के साथ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जोड़ना ऐसी दो बाते हैं जो उद्योगों में उत्सुकता को बढ़ा रहे हैं।

AI के जरिये प्राकृतिक आपदाओं से स्मार्ट शहरों का निर्माण और सुरक्षा:

एक तरह से कोई भी सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उस जैसे दूसरे तकनीकों को लागू करने का अनुभव कर सकता है, जैसे सार्वजनिक परिवहन कार्ड की तरह, ट्रैफ़िक लाइट को सड़क सेंसर से जोड़ा जा रहा है। स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में ट्रैफिक लाइट के बुनियादी ढांचे में संशोधन लागू किया गया है। लास वेगास के स्वास्थ्य विभाग ने रोचेस्टर विश्वविद्यालय के सहयोग से एक अनुप्रयोग विकसित किया, जिसने मुआयने के लिए लेने लायक रेस्तरां को चुनने में मदद किया। एआई-सक्षम कम्प्यूटेशनल उपकरण साइबर-बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में सहायता करते हैं जो स्मार्ट शहरों का मुख्य ढांचा है। स्वचालित ड्राइविंग देखकर आकर्षक लग सकता है (एलोन मस्क की टेस्ला कारों को इसका सारा श्रेय), लेकिन जैसा कि यह अभी भी अपने शुरुआती चरण में है इसलिए इसे अभी भी कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्मार्ट सिटी बनाने के लिए तीन चरण हैं। पहला चरण योजना बनाने पर केंद्रित है। दूसरे चरण में प्रासंगिक लेखों की जांच शामिल है। अंतिम चरण या तीसरे चरण में रिपोर्टिंग और प्रसार शामिल है। ऐसी उन्नत तकनीकों के इस्तेमाल से बिजली बचाने में मदद मिलेगी, पानी की बर्बादी कम होगी, बाहरी वातावरण के आधार पर घर के भीतर का तापमान बदलता रहेगा। घर बनाने का मूल आधार मजबूत होगा कि भूकंप, चक्रवात, या हाल ही में एक COVID-19 जैसी अधिकांश प्राकृतिक आपदाओं को बहुत बेहतर तरीके से संभाला जा सके।

जिम्मेदार और उत्पादक AI के लिए पूर्व आवश्यक शर्तें:

लगभग सभी समझदार, तार्किक और व्यावहारिक तकनीकी विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि चूंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपने शुरुआती चरण में है और भविष्य में इसके लिए बहुत बड़ा स्कोप है, इसलिए इसके गुण-दोष को ध्यान में रखना चाहिए। सबसे अच्छे परिदृश्य के लिए आशा करना बुद्धिमानी है लेकिन साथ ही साथ सबसे खराब परिदृश्य के लिए भी काम करना है। एक जिम्मेदार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए पहले से जरूरी बातों:

  1. सामाजिक रूप से फायदेमंद साधनों की दिशा में अनुसंधान और विकास प्रयासों का पोषण कैसे करें।
  2. एआई सिस्टम में संभावित खामियों पर कैसे विचार करें, विश्लेषण करें, जांच करें और उसे कम करें।

डेवलपर्स, इस्तेमाल करने वालों, निवेशकों और अनुसंधान और विकास करने वाले लोगों के लिए प्रोत्साहन ऐसा होना चाहिए कि वे तेजी से और नैतिक रूप से भी आगे बढ़ने की इच्छा रखें। एकीकृत अनुसंधान लागू करके एक दूसरे पहलू पर विचार किया जा रहा है। जैसे गीत का एक टुकड़ा सबसे अच्छा तब लगता है, जब प्रत्येक स्वर धुन के अनुसार ठीक समय पर बजाया जाता है, वैसे ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लाभ दुनिया भर में तब मिलेगा जब हर उद्योग एक-दूसरे के साथ बढ़िया ताल-मेल बिठाएगा। सत्यापन और जांच से सतर्क रहने के लिए कुछ संभावित बाधाओं में कुछ AI मॉडल की जटिलता, इस्तेमाल करने वालों की गोपनीयता और वैधता, आदि शामिल हैं। ऊपर बताये गए बाधाओं के अलावा, एल्गोरिदम को सचेत रूप से बदलना बेहतर है क्योंकि बहुत अधिक पक्षपात, व्यवहार में हेरफेर, और सामाजिक जोखिम बार-बार सामने आ रहे हैं। शोध के इस अंश में उन कारकों को दिखाया गया है जो आज मौजूद तकनीकी प्लेटफॉर्म में फायदे और कुछ खामियों को बताते हैं। 6 W मिथकों और वास्तविकता के बारे में सारे निचोड़ की हक़ीकत सामने लाते हैं सभी देशों को एकजुट करने वाले कारकों को बताने वाला एक और सार 6 E हैं।

SDG के समय में दुनिया भर में सहयोग और भागीदारी:

वैश्वीकरण और स्थानीयकरण के बीच के संबंधों के साथ, पूरी दुनिया को एक बड़े परिवार के रूप में देखा जा सकता है। साझेदारी और सहयोग पहले भी देखा गया है, जैसे प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में एक आम दुश्मन के खिलाफ लड़ने के लिए एक साथ आने वाले देश। इसी तरह ग्रह पर खुशहाली और तरक्की लाने के लिए हरेक देश की फर्मों और सरकारों को AI के माध्यम से एक साथ आने और इस सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने की जरूरत है। लगभग हर देश के कुछ अनूठे पूरक मूल्य हैं, चाहे वह पूर्वी भाग में हो, या विश्व का पश्चिमी भाग हो। हमारे दैनिक जीवन में सबसे नए तकनीकी उपकरणों को जोड़कर और किफ़ायत में उपयोग करते हुए एक ही लक्ष्य के लिए मिलकर काम करने से निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियां बेहतर जीवन जी सकेंगी। शोध के इस टुकड़े के आधार पर, गरीबी लगभग विलुप्त हो जाएगी, किसी भी व्यक्ति को भोजन की कमी के कारण भूखा नहीं रहना पड़ेगा, शिक्षा की गुणवत्ता तेजी से बढ़ेगी, लोगों की औसत उम्र बढ़ सकती है, स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल शहर और समुदाय उपलब्ध होंगे, आदि।

AI और उसी जैसे नयी खोजों के माध्यम से मानव अधिकारों और समानता में बदलाव:

रोजगार और मानवाधिकारों के संबंध में कई तरह की चर्चाएँ, बहस और कुछ विवाद हुए हैं, जैसे की हक़ीकत में तकनीक 100% कब लागू होगी। संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन इस समय इस विशेष क्षेत्र पर अनुसंधान करने वाले प्रमुख केंद्र हैं। जिन सामान्य मुद्दों को लेकर हंगामा होता है उनमें अक्सर नैतिकता और आचार नीति के परिप्रेक्ष्य शामिल होते हैं। रूढ़िवादी कहे जा सकने वाले लोग AI को रोजाना की जिंदगी में इस्तेमाल करने से हिचकिचाते हैं। लेकिन जो खुद को रिपब्लिकन मानते हैं वे बिना किसी हिचकिचाहट के प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं।

दुनिया भर में फैले कोरोनावायरस महामारी के साथ, देश के नेता हर रोज समानता के मुद्दों का सामना कर रहे हैं। एक विशिष्ट आयु वर्ग के अंतर्गत आने वाले लोगों का इलाज करना और उन लोगों की उपेक्षा करना जो वायरस के लिए अतिसंवेदनशील हो सकते हैं, को लागू करना एक कठोर निर्णय है।

तकनीकी और दार्शनिक दृष्टिकोण से इस मुद्दे को देखते हुए, विशेषज्ञों को यह निष्कर्ष निकालने में मुश्किल हो रही है कि क्या AI और संबंधित तकनीकी प्लेटफॉर्म मानव जीवन को बढ़ाएंगे या इसे बदतर बना देंगे। दार्शनिक पृष्ठभूमि के कुछ समूह आमतौर पर सोचते हैं कि रोबोट और मशीनें मानव समाज को नुकसान पहुंचाती हैं (जैसा कि फिल्म I, रोबोट (2004) में दिखाया गया है)। लेकिन कुछ शोधों के बाद, तकनीकी विशेषज्ञों ने यह भी दिखाना शुरू कर दिया कि यदि एल्गोरिथ्म उपयुक्त संदर्भ / इरादे से बनाया गया है, तो रोबोट या मशीन इंसान की केवल सहायता करेंगे।

कुछ परिप्रेक्ष्य में मनुष्यों के साथ तकनीकों को मिलाने की चर्चा कुछ समय के लिए चल सकती है। लेकिन यह आदर्श होगा अगर इस मुद्दे को पृथ्वी पर वर्तमान आबादी और भविष्य की पीढ़ियों के लाभ के लिए जल्दी से जल्दी हल कर लिया जाता है।

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